वसुंधरा में ढही बिल्डिंग की तीन मंजिल की सीढियां, ऊपर ही फंस गए परिवार, मची अफरातफरी



विभु मिश्रा
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित पॉश ग्रीन व्यू अपार्टमेंट्स में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब एक ब्लॉक की सीढ़ी अचानक भरभराकर गिर गई। हादसा सेक्टर-17 की हाउसिंग सोसाइटी के ब्लॉक-एच में हुआ, जहां तीसरी मंजिल से जुड़ा कॉरिडोर-स्टेयरकेस हिस्सा ढह गया, जिससे ऊपर की मंजिलों पर रह रहे आठ परिवार फंस गए। गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यह हादसा एक बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करता है।

अचानक गिरी सीढ़ियां, कांप उठी बिल्डिंग

हादसा फ्लैट H-110 के बाहर मौजूद पुलनुमा कॉरिडोर के गिरने से हुआ, जो तीसरी मंजिल को मुख्य सीढ़ियों से जोड़ता था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ऐसा लगा मानो भूकंप आया हो। लोग घबराकर बाहर भागे तो देखा कि सीढ़ियों का बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका था। ऊपर की तीसरी और चौथी मंजिल पर फंसे परिवारों तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं बचा था।

फायर ब्रिगेड ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन

सूचना मिलते ही गाज़ियाबाद फायर डिपार्टमेंट की टीम मौके पर पहुंची और जोखिम भरा बचाव अभियान शुरू किया। लटकती लोहे की रॉड्स और टूटे कंक्रीट के बीच से होते हुए, टीम ने सीढ़ियों की जगह लंबी सीढ़ियों और सेफ्टी हार्नेस की मदद से सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। संजय शर्मा (54), उनके बेटे साहिल शर्मा (24) और उनके पालतू कुत्ते को सुरक्षित निकालने के दृश्य ने नीचे खड़े लोगों को राहत की सांस दी। पूरा ऑपरेशन सराहनीय दक्षता और संयम के साथ किया गया।

अधिकारी और आरडब्ल्यूए कर रहे जान से खिलवाड़

स्थानीय निवासियों ने बताया कि पिछले कई महीनों से इमारत में दरारें दिख रही थीं। कई बार शिकायतें की गईं लेकिन सिर्फ खानापूर्ति कर ली गई। अब जब हादसा हो गया, तब अधिकारियों को जाग आई है। एक नाराज़ निवासी ने कहा, "क्या किसी की मौत के बाद ही जिम्मेदार हरकत में आएंगे?"

बिल्डिंग सेफ्टी पर उठे बड़े सवाल

शहर भर के नागरिक संगठनों और रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों ने पुराने हाईराइज़ अपार्टमेंट्स की स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग की है। शहरी योजनाकार शिखा मित्तल के अनुसार, “यह एक इमारत की नहीं, पूरे सिस्टम की विफलता है। पूरे गाज़ियाबाद में सैकड़ों परिवार ऐसी ही कमजोर इमारतों में रह रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि विकास प्राधिकरण, आवास विकास, बिल्डरों और मैनेजमेंट कमेटियों को इस तरह की लापरवाही पर जवाबदेह ठहराना चाहिए।

भविष्य के लिए चेतावनी

इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर समय रहते निगरानी और मरम्मत नहीं की गई, तो ऐसे हादसे आम हो जाएंगे। अब वक्त आ गया है कि प्रशासन न सिर्फ जांच करे, बल्कि सख्त एक्शन और पुख्ता आपातकालीन प्रोटोकॉल भी लागू करे।




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