अप्रमेय रेजिडेंसी: राजनगर एक्सटेंशन में कृष्णा एस्टेट डेवलपर्स की धोखाधड़ी का जीता जगता उदाहरण

विभु मिश्रा

गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन की अप्रमेय रेजिडेंसी में अपने सपनों का आशियाना खरीदने वाले निवासियों का सब्र अब जवाब दे चुका है। बिल्डर मेसर्स कृष्णा एस्टेट डेवलपर्स और इसके मालिक गजेंद्र शर्मा पर निवासियों ने ठगी का गंभीर आरोप लगाया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) को लिखे एक तीखे पत्र में निवासियों ने बिल्डर की लापरवाही और वादाखिलाफी का कच्चा चिट्ठा खोल दिया। बुनियादी सुविधाओं के अभाव और टूटे वादों ने निवासियों की जिंदगी को नर्क बना दिया है।

8 साल की देरी, कर्ज का बोझ

निवासियों का कहना है कि उन्होंने 2010-11 में फ्लैट्स बुक किए थे, और बिल्डर-बायर एग्रीमेंट (BBA) के तहत 2014-15 तक पजेशन मिलना था। लेकिन बिल्डर ने 8-9 साल की देरी के बाद 2022-23 में फ्लैट्स सौंपे। इस देरी ने निवासियों पर भारी कर्ज का बोझ डाला, क्योंकि उन्हें बैंक लोन का ब्याज चुकाना पड़ा। 2019 में यूपी रेरा में शिकायत दर्ज करने के बावजूद 6-7 साल बाद भी कोई राहत नहीं मिली। बिल्डर ने 2022 में वादा किया था कि 6 महीने में कंप्लीशन सर्टिफिकेट और एक साल में सभी सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन 2025 तक यह वादा हवा-हवाई साबित हुआ।
बेसमेंट में बदहाल हालत में इलैक्ट्रिक पैनल और बारिश का भरा पानी

सुविधाओं का टोटा, जिंदगी खतरे में 

फेडरेशन ऑफ राजनगर एक्सटेंशन सोसाइटीज के सचिव अभिनव त्यागी ने बताया कि बिल्डर ने तीन टावर बनाने का दावा किया था, लेकिन केवल एक 14 मंजिला टावर बनाया, जिसमें 90 फ्लैट्स हैं। यहां की स्थिति बदहाल है:

लिफ्ट की बदहाली: दो में से एक लिफ्ट कभी शुरू नहीं हुई। दूसरी लिफ्ट में न इंटरकॉम है, न सीसीटीवी। बिजली गुल होने पर लोग घंटों फंस जाते हैं। 10 साल पुराना 125 KVA का जनरेटर बेकार है, जिसकी क्षमता नाकाफी है।

आग का खतरा: फायर हॉज पाइप हैं, लेकिन उनकी टेस्टिंग नहीं हुई। पूरी इमारत में फायर अलार्म गायब है।

बिजली का जोखिम: हर मंजिल पर खुले इलेक्ट्रिक पैनल हादसे को न्योता दे रहे हैं।

पानी की किल्लत: बोरिंग खराब होने पर 2 दिन तक पानी नहीं मिलता। टैंक की सफाई न होने से दूषित पानी पीने को मजबूर हैं निवासी।

बेसमेंट में गंदगी: जलभराव के कारण मच्छर और बीमारियां पनप रही हैं।

सुविधाओं के नाम पर लूट

निवासियों का आरोप है कि बिल्डर ने सुविधाओं के नाम पर मोटी रकम वसूली, लेकिन कुछ भी पूरा नहीं किया:

पार्किंग का झांसा: रजिस्ट्री में मैकेनिकल, कवर्ड और ओपन पार्किंग के लिए ₹50,000 लिए गए, लेकिन पार्किंग का नामोनिशान नहीं।

रखरखाव की कमी: टूटी सड़कें, कूड़े के ढेर और 10 साल से कोई मरम्मत नहीं। IFMC चार्ज 2 साल का एडवांस लिया गया, फिर भी कोई काम नहीं।

सामाजिक सुविधाएं गायब: क्लब हाउस, जिम, बच्चों या बुजुर्गों के लिए कोई जगह नहीं, जबकि इनके लिए पैसे लिए गए।
बिल्डर को भुगतान के बाद खुले में पार्क रेजिडेंट्स के व्हीकल

प्रशासन से गुहार

सोसायटी के रेजिडेंट और फेडरेशन ऑफ राजनगर एक्सटेंशन सोसायटीज के वरिष्ठ सचिव अभिनव त्यागी ने बताया कि सोसायटी के निवासी हाउस टैक्स देना चाहते हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण बिल्डिंग पंजीकृत नहीं हो पा रही। बिल्डर एओए के गठन में भी अड़ंगा डाल रहा है। निवासियों ने जिलाधिकारी और डिप्टी रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि बिल्डर को सुविधाएं पूरी करने का आदेश दिया जाए, वरना उनकी जिंदगी खतरे में रहेगी।

विशेष: रोचक और अपने से जुड़ी खबरों के लिए "मौन एक्सप्रेस" को जरूर फॉलो करें। 

टिप्पणियाँ