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नवरात्र आस्था और साधना का पर्व है। नौ दिनों तक माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा से साधक को मनचाहा फल प्राप्त होता है। किंतु ज्योतिष मान्यता के अनुसार हर राशि के लिए पूजन की विधि और उसमें प्रयुक्त सामग्री अलग-अलग होती है। यदि कोई व्यक्ति अपनी राशि के अनुरूप साधना करे तो माँ दुर्गा की कृपा तुरंत प्राप्त होती है और जीवन में बाधाएँ दूर होकर सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं-
मेष राशि:
मेष राशि वालों को नवरात्र में माँ शैलपुत्री की पूजा करनी चाहिए।
- पूजन विधि: तांबे के पात्र में गंगाजल भरकर कलश स्थापना करें। लाल वस्त्र पहनें और माँ को लाल फूल, कपूर व कुमकुम अर्पित करें।
- भोग: शुद्ध घी से बने लड्डू का भोग लगाएँ।
- मंत्र: "ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः" का 21 बार जाप करें।
- फल: साहस और ऊर्जा में वृद्धि होगी, शत्रु पर विजय मिलेगी और अधूरे कार्य पूरे होंगे।
वृषभ राशि:
वृषभ राशि के जातकों के लिए माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना सर्वोत्तम है।
- पूजन विधि: सुबह स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करें। माँ को शुद्ध जल, दूध और सफेद चंदन चढ़ाएँ।
- भोग: दूध से बनी खीर या मिश्री का भोग लगाएँ।
- मंत्र: "ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः" का 51 बार जाप करें।
- फल: दांपत्य जीवन मधुर होगा, पारिवारिक विवाद खत्म होंगे और घर में सुख-शांति का वास होगा।
मिथुन राशि:
मिथुन राशि वालों के लिए माँ चंद्रघंटा का पूजन विशेष फलदायी है।
- पूजन विधि: पीले वस्त्र पहनें और माँ को गुड़, पीले फूल तथा बेलपत्र चढ़ाएँ। घर में घंटे की ध्वनि करें।
- भोग: गुड़ और घी से बनी मिठाई अर्पित करें।
- मंत्र: "ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः" का 31 बार जाप करें।
- फल: वाणी मधुर होगी, शिक्षा-प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कर्क राशि:
कर्क राशि वालों को माँ कूष्मांडा की पूजा करनी चाहिए।
- पूजन विधि: लाल या गुलाबी वस्त्र पहनकर माँ को रोली, लाल फूल, पान और सुपारी अर्पित करें।
- भोग: मालपुआ या मीठा पराठा चढ़ाएँ।
- मंत्र: "ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः" का 108 बार जाप करें।
- फल: शारीरिक कष्ट मिटेंगे, धन-संपत्ति बढ़ेगी और व्यापार में उन्नति होगी।
सिंह राशि:
सिंह राशि के जातकों के लिए माँ स्कंदमाता की उपासना श्रेष्ठ है।
- पूजन विधि: सोने या तांबे के दीपक से आरती करें। माँ को पीले फूल, चावल और हल्दी अर्पित करें।
- भोग: केले का भोग लगाएँ।
- मंत्र: "ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः" का 21 बार जाप करें।
- फल: नौकरी में तरक्की मिलेगी, समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा और नेतृत्व क्षमता प्रखर होगी।
कन्या राशि:
कन्या राशि वालों को माँ कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए।
- पूजन विधि: पीले वस्त्र धारण करें। माँ को पीले फूल, हल्दी और शहद अर्पित करें।
- भोग: शहद और बूंदी का प्रसाद लगाएँ।
- मंत्र: "ॐ देवी कात्यायन्यै नमः" का 51 बार जाप करें।
- फल: विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होंगी, मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी और संबंध मजबूत होंगे।
तुला राशि:
तुला राशि के जातकों के लिए माँ कालरात्रि का पूजन फलदायी है।
- पूजन विधि: नीले वस्त्र पहनें और माँ को काले तिल, लौंग तथा सरसों के तेल का दीप अर्पित करें।
- भोग: गुड़ और रोटी का भोग लगाएँ।
- मंत्र: "ॐ देवी कालरात्र्यै नमः" का 21 बार जाप करें।
- फल: शत्रुओं से मुक्ति मिलेगी, रिश्तों में सामंजस्य बनेगा और बाधाएँ दूर होंगी।
वृश्चिक राशि:
वृश्चिक राशि वालों के लिए माँ महागौरी की पूजा शुभ रहती है।
- पूजन विधि: सफेद वस्त्र पहनें और माँ को चांदी के पात्र में गंगाजल, नारियल और सफेद फूल अर्पित करें।
- भोग: नारियल और गुड़ का भोग लगाएँ।
- मंत्र: "ॐ देवी महागौर्यै नमः" का 108 बार जाप करें।
- फल: शत्रु पर विजय, आत्मविश्वास में वृद्धि और मानसिक शक्ति की प्राप्ति।
धनु राशि:
धनु राशि के जातकों के लिए माँ सिद्धिदात्री की पूजा श्रेष्ठ है।
- पूजन विधि: पीले वस्त्र पहनकर माँ को चने की दाल, केसर और हल्दी चढ़ाएँ।
- भोग: बेसन के लड्डू का प्रसाद लगाएँ।
- मंत्र: "ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः" का 51 बार जाप करें।
- फल: भाग्य का साथ मिलेगा, धार्मिक कार्य सफल होंगे और आध्यात्मिक उन्नति होगी।
मकर राशि:
मकर राशि वालों को माँ के सभी नौ स्वरूपों की सामूहिक आराधना करनी चाहिए।
- पूजन विधि: काले वस्त्र धारण करें। तिल के तेल का दीप जलाएँ और नौ रूपों का ध्यान करें।
- भोग: तिल और गुड़ का प्रसाद अर्पित करें।
- मंत्र: "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" का 108 बार जाप करें।
- फल: धन वृद्धि, करियर स्थिरता और ज़मीन-जायदाद से लाभ।
कुंभ राशि:
कुंभ राशि वालों को माँ कूष्मांडा और कात्यायनी दोनों की साधना करनी चाहिए।
- पूजन विधि: गुलाबी और नीले फूल अर्पित करें, गुड़ और चने का भोग लगाएँ।
- भोग: गुड़-चना और मिठाई।
- मंत्र: दोनों देवियों के मंत्रों का 21-21 बार जाप करें।
- फल: नए कामों में सफलता, प्रगति और आय में वृद्धि।
मीन राशि:
मीन राशि वालों के लिए माँ महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा करनी चाहिए।
- पूजन विधि: पीले वस्त्र पहनें। हल्दी से तिलक करें और माँ को पीले फूल अर्पित करें।
- भोग: हलवा और केला का भोग लगाएँ।
- मंत्र: "ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः" का 51 बार जाप करें।
- फल: आध्यात्मिक उन्नति, रोगों से मुक्ति और आत्मबल में वृद्धि।
नवरात्र का पर्व केवल उपवास या दिखावे तक सीमित नहीं है। यह आत्मा की साधना, आत्मबल की जागृति और माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का अवसर है। अपनी राशि अनुसार पूजा करने से जीवन में न केवल सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि रुके हुए काम भी गति पकड़ते हैं और हर दिशा में सफलता मिलने लगती है।
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