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गाजियाबाद। जिले की साइबर क्राइम टीम ने क्रिप्टो करेंसी और शेयर ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर देशभर में करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन सक्रिय सदस्य गिरफ्तार कर 1.03 करोड़ रुपए की रिकवरी की है। वहीं जांच में अब तक 19 राज्यों की 136 घटनाओं में 77.52 करोड़ रुपए की ठगी सामने आई है।
सोशल मीडिया से फंसाते थे लोग
गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय था और लोगों को झांसे में लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ता था। वहां उन्हें फर्जी वेबसाइट और ऐप के जरिए निवेश करवाया जाता। शुरुआत में कुछ लाभ दिखाकर भरोसा दिलाया जाता और बाद में करोड़ों की रकम हड़प ली जाती।
तीन आरोपी गिरफ्तार, करोड़ों ट्रांसफर
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शिवा जायसवाल, आशीष कनौजिया और तुषार मिश्रा के रूप में हुई है। इनके कब्जे से मोबाइल फोन बरामद किए गए। पूछताछ में पता चला कि यह गैंग सुहैल और रजत के इशारे पर काम करता था। अकेले शिवा और आशीष के खातों में 3.66 करोड़, जबकि तुषार के खाते में 24 लाख रुपए ट्रांसफर हुए, जिन्हें बाद में केरल के शमीम तक भेजा गया।
सबसे बड़ा केस 9 करोड़ का
सिर्फ गाजियाबाद में तीन पीड़ितों से करीब 10 करोड़ की ठगी की गई है। वहीं सबसे बड़ी घटना चेन्नई जिले की है, जहां एक व्यक्ति से 9 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की गई। गिरोह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली समेत 19 राज्यों में सक्रिय था।
पुलिस की चेतावनी
एडीसीपी साइबर क्राइम पीयूष सिंह ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क और भी बड़ा हो सकता है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि किसी भी कंपनी या वेबसाइट में निवेश करने से पहले उसकी पूरी जांच-पड़ताल करें और अज्ञात लिंक या व्हाट्सएप ग्रुप से सावधान रहें। पुलिस ने कहा कि ठगी से बचाव के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है।
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India
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