सोसाइटी में डॉग्स को लेकर विवाद, क्या है समाधान - जानिए आशिमा शर्मा से

विभु मिश्रा
गाजियाबाद। शहर की कई सोसाइटियों में आवारा कुत्तों को लेकर निवासियों और डॉग लवर्स के बीच लगातार विवाद देखने को मिल रहा है। कहीं बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं तो कहीं डॉग लवर्स अपने अधिकार और इंसानियत का तर्क दे रहे हैं। इस विवाद के बीच वर्षों से पशु हित में सक्रिय और शेल्टर चलाने वाली आशिमा शर्मा ने शांति और समाधान के लिए ठोस सुझाव दिए हैं।

संवाद और सामंजस्य ही रास्ता

आशिमा शर्मा ने कहा कि किसी भी सोसाइटी में शांतिपूर्ण जीवन तभी संभव है जब इंसान और पशु एक-दूसरे के साथ संतुलित रूप से रहें। यदि निवासियों और डॉग लवर्स में आपसी संवाद और तालमेल रहेगा तो टकराव की नौबत ही नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि अनुशासन और नियमों का पालन दोनों ही पक्षों को करना चाहिए।
आशिमा शर्मा

डॉग लवर्स के लिए सुझाव

उन्होंने सुझाव दिया कि डॉग फीडिंग केवल तय feeding spots पर ही की जाए। इससे कुत्ते बच्चों के खेलने की जगहों और मुख्य रास्तों से दूर रहेंगे और विवाद की स्थिति कम होगी। साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी डॉग लवर्स को उठानी चाहिए, ताकि सोसाइटी का माहौल सुरक्षित और स्वच्छ बना रहे।

निवासियों से अपील

निवासियों को आशिमा शर्मा ने समझाया कि वे किसी भी कुत्ते के साथ हिंसक व्यवहार न करें। यदि कोई परेशानी हो तो सीधी झड़प के बजाय प्रबंधन समिति या संबंधित अधिकारियों के माध्यम से समाधान खोजा जाए।

नगर निगम और प्रशासन की भूमिका

आशिमा शर्मा ने नगर निगम और सरकारी विभागों को भी आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ निवासियों और डॉग लवर्स पर जिम्मेदारी डालना ठीक नहीं है। निगम को सोसाइटियों में डॉग फीडिंग ज़ोन तय करने, नसबंदी अभियान तेज करने और पशु चिकित्सीय सुविधाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। यदि विभाग सक्रिय हों तो इन विवादों को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

मिलजुलकर ही निकलेगा समाधान

उन्होंने स्पष्ट किया कि समस्या का स्थायी हल तभी निकलेगा जब सभी पक्ष निवासी, डॉग लवर्स और प्रशासन अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाएँ। आपसी सहयोग और अनुशासन से ही सोसाइटी में शांति और सुरक्षित वातावरण कायम रह सकता है।

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