गाजियाबाद में 'एक दिन की थाना प्रभारी' बनीं छात्राएं: 'मिशन शक्ति' ने दिया अनोखा अनुभव

बब्बी पंडित
गाजियाबाद। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और छात्राओं में आत्मविश्वास जगाने के उद्देश्य से, गाजियाबाद पुलिस ने 'मिशन शक्ति 5' के तहत एक अनूठी पहल की। जिले के सभी शहरी और ग्रामीण थानों में चुनिंदा छात्राओं को एक दिन का थाना प्रभारी (SHO) बनाया गया। इस दौरान, छात्राओं ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली को करीब से समझा, बल्कि जनसुनवाई में हिस्सा लिया और पुलिसिंग का अनुभव भी लिया।

​थाने का निरीक्षण और जनसुनवाई

​इस खास अवसर के लिए नियुक्त की गई 'एक दिन की थाना अध्यक्ष' छात्राओं का पुलिस अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्हें पुलिस वाहन से थाने लाया गया और औपचारिक रूप से थाना प्रभारी की कुर्सी पर बिठाया गया। छात्राओं ने पूरे थाना परिसर और अपने क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने शिकायत लेकर आए फरियादियों की समस्याओं को ध्यान से सुना और उनके समाधान के लिए जरूरी निर्देश भी दिए।

छात्राओं के अनुभव और भविष्य के सपने

​नंदग्राम के गवर्नमेंट इंटर कॉलेज की छात्रा श्रीजा को महिला थाना प्रभारी बनाया गया। इस जिम्मेदारी को पाकर उन्होंने खुशी जताई और कहा, "समाज की सेवा करना ही मेरा लक्ष्य है और आगे चलकर मैं आईएएस बनना चाहती हूँ।"
​वहीं, इंदिरापुरम थाने में 11वीं कक्षा की छात्रा विदुषी ने कार्यभार संभाला। उन्होंने पुलिस के काम को बेहद जिम्मेदारी वाला बताया और कहा, "जनता की सुरक्षा और सेवा पुलिस का सबसे बड़ा कर्तव्य है। इस अनुभव ने मुझे सिखाया कि पुलिस किस तरह समाज की रक्षा करती है।"

अभिभावकों और अधिकारियों की प्रतिक्रिया

​विदुषी के पिता राजीव कुमार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह उनके जीवन का गौरवशाली क्षण है। उन्होंने विश्वास जताया कि इससे उनकी बेटी सहित सभी छात्राओं को बड़े सपने देखने की प्रेरणा मिलेगी। महिला थाना प्रभारी ऋतु त्यागी ने भी इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुभव छात्राओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास करता है।
​सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक कदम
​एसीपी नंदग्राम उपासना पाण्डेय ने बताया कि यह आयोजन जिले के हर थाने में किया गया। इस पहल से बेटियां न केवल अपनी जिम्मेदारी को समझ रही हैं, बल्कि समाज की सेवा करने का संकल्प भी ले रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम हैं।
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