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गाजियाबाद। मोहन नगर स्थित गंगा बेंकट हॉल में शनिवार को हुई कोरवा-यूपी की बैठक में नगर निगम की गृहकर वृद्धि को लेकर तीखा विरोध दर्ज हुआ। समिति ने दो टूक कहा कि अगर यह जनविरोधी फैसला वापस नहीं लिया गया तो मौजूदा जनप्रतिनिधियों का यह आखिरी कार्यकाल होगा और जनता उन्हें 2027 में बाहर का रास्ता दिखा देगी।
वोट बैंक का खुला संदेश
मुख्य संरक्षक कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने कहा कि यही आरडब्ल्यूए और नागरिक वोट बैंक जनप्रतिनिधियों की जीत-हार तय करता है। निगम और नेता दोनों को समझ लेना चाहिए कि जनता सम्मान के लिए वोट देती है, बोझ लादने वालों के लिए नहीं।
जनविरोधी फैसला बताया
कोरवा अध्यक्ष डॉ. पवन कौशिक ने कहा कि दो साल में 10% से ज्यादा वृद्धि नहीं हो सकती, इसके बावजूद कई गुना कर बढ़ाना नागरिकों पर जबरन बोझ डालना है। महासचिव जय दीक्षित ने कहा कि नगर निगम का दायित्व रखरखाव का है, विकास का ठेका लेने के नाम पर टैक्स लादना सीधा नियम उल्लंघन है। सलाहकार डॉ. आर.के. आर्य ने जोड़ा कि विकास की अंधी दौड़ से सिर्फ प्रदूषण और जलभराव बढ़ा है।
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दोहरी घेराबंदी का इशारा
संपर्क सचिव नेमपाल चौधरी और वित्त सचिव मुलेंद्र कुमार ने कहा कि अब निगम और जनप्रतिनिधि दोनों दोहरी घेराबंदी में हैं— अदालत में भी और जनता की अदालत में भी। वरिष्ठ सदस्यों ने नागरिकों से अपील की कि 25 सितंबर तक गृहकर न जमा करें। साथ ही यह भी घोषणा की गई कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में टैक्स वसूली पर रोक (स्टे) के लिए याचिका दाखिल की जाएगी।
2027 में जनता का हिसाब
बैठक के अंत में कोरवा-यूपी ने साफ कहा कि अगर निगम ने टैक्स वृद्धि वापस नहीं ली तो गाजियाबाद के नागरिक आने वाले चुनाव में अपना हिसाब बराबर करेंगे। समिति का अल्टीमेटम है कि “गृहकर वृद्धि रुकी तो ठीक, वरना 2027 में जनता फैसला सुनाएगी।”
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civic issues
Ghaziabad house tax
Korwa-UP protest
municipal corporation
political warning
property tax hike
Location:
India
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Comments
भाई लोगों के पास कोई ऑप्शन नहीं है मेरा यह मानना है जनता को इनका हिसाब करना चाहिए एक झटका देना जरूरी होता है
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