देविका स्काइपर्स सोसायटी का हैंडओवर मामला गर्माया! बिल्डर की मनमर्जी जारी, जीडीए की चुप्पी से बढ़ा गुस्सा

विभु मिश्रा 
गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन की देविका स्काइपर्स सोसायटी का हैंडओवर महीनों से अटका हुआ है। बिल्डर के गायब रहने और जीडीए की ढुलमुल कार्यशैली से निवासियों का सब्र टूट रहा है। एओए लगातार कोर्ट, जीडीए और बिल्डर के दरवाजे खटखटा रही है, लेकिन नतीजा सिर्फ “तारीख पर तारीख” ही मिल रहा है। अब एओए ने चेतावनी दी है कि अगर स्थिति तुरंत नहीं सुधरी तो निवासी आंदोलन को मजबूर होंगे।

कोर्ट की तारीखों से निराशा

एओए अध्यक्ष अजय सैनी ने कहा, “मई 2024 में हाई कोर्ट से आदेश आने के बाद भी कोई ठोस समाधान नहीं हुआ। हर सुनवाई में केवल अगली तारीख दी जाती है। 29 अगस्त को भी यही हुआ। यह न्याय प्रणाली के साथ-साथ प्रशासन की गंभीरता पर सवाल उठाता है। वर्षों से हम लड़ रहे हैं और आज भी हालात जस के तस हैं।”

बिल्डर ऑफिस पर ताला

एओए ज्वाइंट सेक्रेटरी मनोज पवार ने स्थिति और खराब बताते हुए कहा, “चार दिन से बिल्डर के हेड ऑफिस में कोई मौजूद नहीं है। न फोन उठ रहे हैं और न ही शिकायतें सुनी जा रही हैं। कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई है, जिसके चलते एक प्लंबर और एक माली नौकरी छोड़ चुके हैं। बाकी स्टाफ भी काम छोड़ने की तैयारी में है। बिल्डर का रवैया साफ है—मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाइए तभी वेतन देंगे। यह पूरी तरह गैरजिम्मेदाराना और शोषणकारी है।”

जीडीए से निष्पक्ष हस्तक्षेप की मांग

एओए सदस्य सुनील जोशी ने कहा, “हम जीडीए अधिकारियों की मौजूदगी में ही हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी कराना चाहते हैं ताकि पारदर्शिता बनी रहे। जीडीए का सिर्फ लिखित आदेश काफी नहीं है, उन्हें मौके पर आकर हस्तक्षेप करना होगा। हैंडओवर की तय प्रक्रिया को नजरअंदाज कर बिल्डर को छूट देना निवासियों के साथ अन्याय है।”

सुविधाएं चरमराईं, आंदोलन की तैयारी

सोसायटी में सफाई, प्लंबिंग और गार्डनिंग जैसी बेसिक सेवाएं ठप हो गई हैं। एओए ने छोटे-मोटे काम खुद कराए हैं, लेकिन यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चल सकती। बिल्डर लगातार मेंटेनेंस वसूल रहा है लेकिन जिम्मेदारी से भाग रहा है। निवासियों का कहना है कि जीडीए और कोर्ट की चुप्पी ने बिल्डर को मनमानी की खुली छूट दे दी है।
एओए अध्यक्ष अजय सैनी ने साफ चेतावनी दी है कि अगर अगले कुछ दिनों में जीडीए की मौजूदगी में हैंडओवर और लंबित कार्यों पर ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हम सामूहिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। निवासियों का कहना है कि अब बात केवल एक सोसायटी की नहीं रही, बल्कि पूरे राजनगर एक्सटेंशन की छवि और लोगों की जिंदगी का सवाल है।





टिप्पणियाँ

  1. Devika skypers Raj nagar extension Ghaziabad का बिल्डर GDA ke साथ मिलकर 648 families से खेल रहा है और दुख इस बात का है कि Government भी संज्ञान नहीं ले रही है

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  2. Tax ke liye to sabse aghe hoti hai government but kam khuch nahi karti sab builder se mile hue hain

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  3. Yogi ji please see and do something other infuture is very critical. Every day face a lot of problem

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  4. This is all government negligence or we can say there involvement?

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