सेहत की बात: चाय बन सकती है रोगों की ढाल, नई स्टडी में चौंकाने वाले नतीजे

मौन एक्सप्रेस डेस्क 
भारत में सुबह उठते ही और दिनभर की थकान मिटाने के लिए सबसे पहला ख्याल चाय का आता है। लेकिन अब शोधकर्ताओं का कहना है कि चाय केवल आदत या स्वाद की चीज़ नहीं है, बल्कि यह गंभीर बीमारियों से बचाने में भी मददगार हो सकती है।

चाय में छिपे औषधीय गुण

वैज्ञानिकों ने पाया है कि ग्रीन टी और ब्लैक टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स शरीर में सूजन कम करने और कोशिकाओं को सुरक्षित रखने का काम करते हैं। इनमें मौजूद ईजीसीजी नामक तत्व फ्री रेडिकल्स से लड़कर बीमारियों को पनपने से रोक सकता है। इस कारण चाय को एंटीऑक्सीडेंट्स का बेहतरीन स्रोत माना जा रहा है।

कैंसर की संभावना कम

रिसर्च से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति रोजाना 3 से 5 कप ग्रीन या ब्लैक टी पिए, तो उसमें कैंसर का खतरा कम हो सकता है। खासतौर पर त्वचा, प्रोस्टेट, फेफड़े और स्तन कैंसर जैसे मामलों में चाय से फायदा दिखा है। हालांकि विशेषज्ञ चेतावनी भी देते हैं कि बहुत गरम चाय पीने से मुंह और गले के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

हृदय और शुगर के मरीजों के लिए लाभकारी

ग्रीन टी खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाने और ब्लड फैट को बाहर निकालने में सहायक होती है। इससे हृदय की नसें साफ रहती हैं और रक्त संचार सुचारू बना रहता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए भी यह एक बेहतर विकल्प मानी जाती है, क्योंकि यह शुगर लेवल को संतुलन में रखने में मदद करती है।

मस्तिष्क और अन्य रोगों पर असर

शोध में यह भी संकेत मिले हैं कि ग्रीन टी का सेवन पार्किंसन जैसे तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियों में राहत दे सकता है। हालांकि, शोधकर्ता यह भी मानते हैं कि इन दावों को पुख्ता करने के लिए बड़े पैमाने पर और अध्ययन की आवश्यकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि चाय का सेवन सीमित मात्रा में और बिना अधिक चीनी के ही करना चाहिए।

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