रिवर हाइट्स सोसायटी में खूनी टकराव, पूर्व अध्यक्ष पर गुंडों से हमला करवाने का आरोप

मनोज राणा पर हमला होते हुए
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन की रिवर हाइट्स सोसायटी बुधवार देर रात दहशत में डूब गई जब एओए की सियासत खूनी टकराव में बदल गई। आठ साल तक अध्यक्ष रहे सुबोध त्यागी की हार और गौरव विरमानी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद से दोनों खेमों में जारी खींचतान आखिरकार हिंसा तक जा पहुँची। आरोप है कि सुबोध त्यागी ने अपने गुंडों के जरिए मौजूदा अध्यक्ष के समर्थकों पर हमला करवाया। घटना के बाद सोसायटी में डर और गुस्से का माहौल है।

सत्ता की जंग से उपजा तनाव

निवासियों के मुताबिक सुबोध त्यागी लगातार आठ साल तक एओए अध्यक्ष रहे, लेकिन इस बार गौरव विरमानी ने चुनाव जीतकर उनकी कुर्सी छीन ली। तभी से पुरानी और नई टीम के बीच आरोप-प्रत्यारोप और धमकियों का सिलसिला चल रहा था। कई बार लोगों ने कहा कि झगड़ा बढ़ सकता है, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
सोसायटी के अंदर भिड़ते दोनों पक्ष

कैंडल मार्च के बाद हिंसा

बुधवार रात शांति की मांग के लिए निवासियों ने सोसायटी में कैंडल मार्च निकाला। लेकिन इसी के बाद गौरव विरमानी समर्थक मनोज राणा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ जब अपने घर लौट रहे थे, तब पार्किंग में घात लगाकर हमला हुआ। आरोप है कि सुबोध त्यागी ने गालियाँ दीं और बाहर से बुलाए गए गुंडों को इशारा किया। इसके बाद बदमाशों ने दोनों पर लात-घूँसों से हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। सुबोध त्यागी पर आरोप है कि दो दिन पूर्व भी उन्होंने बाहरी गुंडों के साथ मिलकर सोसायटी के ही राजीव गर्ग को भी धमकियां दी थी। 

आरोपी पक्ष की सफाई

पूर्व अध्यक्ष सुबोध त्यागी पक्ष ने इन आरोपों को खारिज कर पलटवार किया। उनका कहना है कि मनोज राणा ने उनकी परिचित महिला से छेड़खानी की थी और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो झगड़ा बढ़ गया। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए घटना को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया।
पुलिस की हिरासत में सुबोध त्यागी

पुलिस की भूमिका पर सवाल

सूचना मिलते ही पुलिस देर रात सोसायटी पहुँची और दोनों पक्षों के कई लोगों को हिरासत में लिया। लेकिन पुलिस की कार्रवाई पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। नंदग्राम पुलिस ने आरोपी पक्ष से सिर्फ दो लोगों मुख्य आरोपी सुबोध त्यागी और प्रिंस त्यागी को हिरासत में लिया, जबकि पीड़ित पक्ष से उल्टा पाँच लोगों को पकड़ा गया, जिनमें घायल मनोज राणा और मौजूदा अध्यक्ष गौरव विरमानी भी शामिल हैं। पीड़ितों का कहना है कि “हम ही पिटे हैं और पुलिस ने उल्टा हमारे ही खिलाफ ज़्यादा कार्रवाई की।” इस रवैये से रेजिडेंट्स में नाराजगी और बढ़ गई है।

पुलिस का बयान

एसएचओ नंदग्राम उमेश कुमार ने बताया कि सूचना पर पुलिस सोसायटी पहुंची थी। दोनों पक्षों के 10 लोगों को हिरासत में लेकर थाने लाया गया था। मामले की जांच चल रही है। फिलहाल बीएनएस की धारा 170 के तहत दोनों पक्षों के सभी लोगों का चलान किया गया है। 

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Comments

  1. Subodh tyagi ko apne karmo ka fal milna abhi to shuru huya hai. Isne to kilabandi kar ke raaj kiya hai , 8saal tak River height me.

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  2. थाना नंदग्राम और चौकी सिहानी चुंगी चाहे सुबोध त्यागी की गलती कितनी भी हो लेकिन हमेशा उसके साथ रहते हैं और उसकी ही सपोर्ट करते हैं सोसाइटी की जनता का पैसा लूट कर उन्ही पर तानाशाही करता आ रहा हैं हार पचा नहीं पाया तो इतनी नीचता पर आ गया की बाहर से गुंडे बुला और वाहियात औरतों से निवासियों पर मारपीट और झूठे इल्जाम लगवाने शुरू कर दिए

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  3. Subodh ko jail me rkhe…khula chode par aur pagalpan krega

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  4. खबर को थोड़ा ठीक करने की आवश्यकता है। पीड़ित पक्ष के दो ओर आरोपी पक्ष के पांच गिरफ्तार हुए हैं। जिन्हें पीड़ित बताया जा रहा है वे सुबोध पक्ष के पास चल कर पहुंचे और नारबाजी करने लगे। खैर अब मुकदमा दर्ज हो गया है कानून अपना काम करेगा।

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