राज विलास सोसाइटी में ‘मुकदमों की जंग’: विवाद पहुंचा महिला आयोग और सीएम तक

विभु मिश्रा
गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन स्थित राज विलास सोसाइटी इन दिनों आरती कपूर को लेकर गहरे विवाद का केंद्र बनी हुई है। एक ओर सोसाइटी की कई महिलाएं उनके खिलाफ महिला आयोग और पुलिस कमिश्नरेट तक पहुंच चुकी हैं, वहीं दूसरी ओर आरती कपूर खुद को पीड़ित बताकर सीएम योगी तक गुहार लगा चुकी हैं। आरोप-प्रत्यारोप के इस सिलसिले से सोसाइटी का माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण हो गया है।

सोसायटी की महिलाओं के आरोप

एनजीओ बिग स्माइल फाउंडेशन की संचालक सिमरन रंधावा का कहना है, “आरती कपूर आए दिन दबंगई करती हैं, गाली-गलौज करती हैं और झूठे मुकदमे दर्ज करवाती हैं। कई परिवार महीनों से कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने को मजबूर हैं।”
सोसाइटी की महिला श्वेता रोहिला  ने कहा कि अगर समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो हालात और बिगड़ेंगे। वहीं चंचल यादव का आरोप है कि पुलिस सबूतों के बावजूद चुप्पी साधे बैठी है और आरोपी को शह मिल रही है।
शिकायत के संबंध में बताती सोसायटी की महिलाएं

आयोग और कमिश्नरेट में शिकायत

एनजीओ और सोसायटी की महिलाओं ने अब सामूहिक रूप से महिला आयोग को लिखित शिकायत दी है, जिस पर श्वेता रोहिला, चंचल यादव, पारुल अथेया, शालिनी गुप्ता और रंजन डिक्सित  के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने आरती कपूर की पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में भी शिकायत दर्ज कराई है।

आरती कपूर की सफाई

इस पूरे विवाद पर आरोपी आरती कपूर का कहना है कि उन पर लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उनका दावा है कि उन्होंने सोसाइटी के सिर्फ आशीष किशोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, क्योंकि उन्होंने उनकी बेटी की फोटो सोशल मीडिया पर डालकर उस पर भद्दे-भद्दे कमेंट्स कर उसे बदनाम करने की कोशिश की। इस मामले में चार्जशीट भी फाइल हो चुकी है और केस कोर्ट में चल रहा है।
आरती कपूर का यह भी कहना है कि सोसाइटी के ही रूपेण दीक्षित और उनके बेटे के खिलाफ रिपोर्ट उन्होंने नहीं बल्कि उनके मकान मालिक गोपाल जोशी ने दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि “सोसाइटी के कुछ लोग उनके चरित्रहनन करने और यहां तक कि रेप की धमकी देने तक से बाज नहीं आए। इसकी शिकायत मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेजी है।” उन्होंने बिग स्माइल फाउंडेशन की संचालिका सिमरन रंधावा पर भी उनको और उनके परिवार को बदनाम करने का आरोप लगाया है। 

गहराता जा रहा विवाद 

एक तरफ महिलाएं आयोग और कमिश्नरेट से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठी हैं, वहीं आरती कपूर खुद को निशाने पर बताकर न्याय की मांग कर रही हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस बढ़ते विवाद में किस पक्ष को सही ठहराता है और कब तक निर्णायक कदम उठाता है।

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