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विभु मिश्रा
गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन स्थित SG Grand सोसाइटी में पूर्व और वर्तमान एओए के बीच खींचतान तेज हो गई है। मौन एक्सप्रेस में लगी खबर के बाद पूर्व एओए पदाधिकारियों ने अपनी सफाई दी है। उन्होंने मौजूदा पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप मनगढ़ंत और राजनीति से प्रेरित हैं। उनका कहना है कि मौजूदा एओए ने डिप्टी रजिस्ट्रार को गुमराह कर झूठे नोटिस जारी करवाए हैं और खुद वित्तीय गड़बड़ियों में लिप्त हैं।
सभी दस्तावेज सौंप दिए थे – विनय गिल
पूर्व अध्यक्ष विनय कुमार गिल ने कहा, “हमने 20 मई 2025 को 175 पन्नों का पूरा रिकॉर्ड रजिस्ट्रार को जमा कराया था। इसमें 2023-24 का ऑडिट, 2024-25 के वित्तीय दस्तावेज और हैंडओवर एग्रीमेंट शामिल थे। इसके अलावा 1600 से अधिक पन्नों की सॉफ्ट कॉपी मौजूदा एओए को भी सौंप दी गई। केवल ओरिजिनल बिल रिसीव न लेने के कारण दस्तावेज लंबित दिखाए जा रहे हैं।”
गिल ने यह भी जोड़ा कि उनका पूरा कार्यकाल पारदर्शिता से चला और आंतरिक ऑडिट में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी सामने नहीं आई।
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पूर्व एओए द्वारा डीआर के यहां जमा किए गए दस्तावेजों की रिसीविंग |
मौजूदा एओए कर रही IFMS का दुरुपयोग – प्रेम कुमार सिंह
पूर्व सचिव प्रेम कुमार सिंह ने कहा, “हमने बिल्डर से मिले 1.95 करोड़ रुपये में से 26.45 लाख रुपये मौजूदा एओए को सौंपे ताकि जिन निवासियों का पैसा बचा है उन्हें लौटाया जा सके। बाकी पैसा 1 करोड़ 95 लाख हमारे द्वारा पूर्व में ही रेजिडेंट्स को लौटाया जा चुका था। लेकिन मौजूदा एओए ने आवेदन आने पर भी निवासियों को पैसा देने से मना कर दिया और IFMS फंड का गलत इस्तेमाल किया। यहां तक कि 20 लाख रुपये वेंडर्स को गलत तरीके से दे दिए गए, जबकि यह राशि निवासियों की अमानत थी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा पदाधिकारी चुनाव नजदीक आते देख नए ऑडिट का शिगूफा छोड़कर निवासियों को गुमराह कर रहे हैं।
मंदिर अकाउंट से 1 लाख की बंदरबांट – विकास राय
पूर्व कोषाध्यक्ष विकास चंद्र राय ने कहा, “मौजूदा एओए ने मंदिर अकाउंट से नियमविरुद्ध 1 लाख रुपये कैश निकासी कर मनमाने तरीके से खर्च किया। सोसाइटी बाइलॉज में 2500 रुपये से अधिक कैश खर्च पर रोक है, लेकिन पदाधिकारियों ने मंदिर समिति बनाकर पैसों की बंदरबांट की।”
राय ने यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा टीम नौ महीने के कार्यकाल में एक भी GBM नहीं कर पाई और न ही निवासियों को एक महीने का हिसाब दिया। इसके उलट आपदा टैक्स लगाकर बोझ बढ़ाया गया और पीपीटी दिखाकर कामकाज की औपचारिकता निभाई जा रही है।
फर्जी शिकायतों से बदनाम करने की साजिश
पूर्व पदाधिकारियों का कहना है कि मौजूदा अध्यक्ष और सचिव भी हैंडओवर प्रक्रिया में शामिल थे, इसलिए शिकायत करना उनका दोहरा रवैया दिखाता है। उनके अनुसार, “शिकायतों के आधार पर रजिस्ट्रार से जो नोटिस जारी हुआ, वह पूरी तरह से झूठ पर आधारित है। यहां तक कि पत्र संख्या 1076 का उल्लेख किया गया, जो हमें कभी प्राप्त ही नहीं हुआ।”
पूर्व एओए ने कहा कि उनके खिलाफ कोई गड़बड़ी साबित नहीं हो सकी है और अब मौजूदा टीम निवासियों का ध्यान भटकाने के लिए नए ऑडिट की आड़ में राजनीति कर रही है।
निवासियों से अपील
पूर्व एओए ने निवासियों से अपील की है कि वे अफवाहों और भ्रामक संदेशों से दूर रहें और तथ्यों पर आधारित जानकारी ही स्वीकार करें। उनका कहना है कि सोसाइटी की प्रगति सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
विशेष: रोचक और अपने से जुड़ी खबरों के लिए "मौन एक्सप्रेस" को जरूर फॉलो करें।
AOA audit row
former AOA statement
Ghaziabad housing society
IFMS fund misuse
registrar notice controversy
SG Grand society dispute
Location:
India
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Comments
Sir
ReplyDeleteThese are facts and current aoa has not organised any gbm and they present p&l in the form of ppt
नई एओए का कार्यकाल 9 महीने का हो गया है लेकिन एक भी GBM और बाई लॉस के हिसाब से AGM भी नहीं करियाई है जिसकी कंप्लेंट निवासियों ने DY registrar से की है।
ReplyDeleteAgar chaiye toh comaplaint copy bhi mil jayegi
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