गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन स्थित रिवर हाइट्स सोसाइटी में बिजली कनेक्शन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। निवासियों ने आरोप लगाया है कि सोसाइटी के वर्तमान AOA अध्यक्ष सरकारी बिजली लोड को 20 हजार रुपए प्रति किलोवाट की दर से बेच रहे हैं। इस मामले में शिकायत जिलाधिकारी और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच गई है।
जांच की मांग जिलाधिकारी से
रिवर हाइट्स सोसाइटी के प्लॉट एरिया के निवासियों ने पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) के अधिशासी अभियंता, एसडीओ, मेरठ के मैनेजिंग डायरेक्टर और लखनऊ स्थित चेयरमैन को लिखित शिकायत भेजी है। शुक्रवार को मानवाधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता विष्णु कुमार गुप्ता ने अन्य वकीलों के साथ जिलाधिकारी को संबोधित एक प्रार्थना पत्र अपर जिलाधिकारी (एल.ए.) विवेक कुमार मिश्रा को सौंपा। एडीएम ने मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी है।
जनहित में उठाया मुद्दा
अधिवक्ता विष्णु कुमार गुप्ता ने बताया कि यह मामला उन्होंने जनहित में उठाया है। उनका कहना है कि सरकारी नियमों के अनुसार बिजली लोड बढ़ाने पर लगभग 120 रुपए प्रति किलोवाट का शुल्क निर्धारित है, जो निगम बिल्डर से लेता है। इसके अलावा, बिल्डर पहले ही सोसाइटी डेवलपमेंट के समय खरीदारों से भारी रकम वसूल चुका है। ऐसे में 20 हजार रुपए प्रति किलोवाट की दर से फिर से वसूली किस नियम या शासनादेश के तहत की जा रही है, यह स्पष्ट नहीं है।
8252 किलोवाट का है कुल लोड
बिजली विभाग के अभिलेखों के अनुसार, रिवर हाइट्स सोसाइटी को बिल्डर को कुल 8252 किलोवाट का लोड मंजूर किया गया था, जिसमें 2130 किलोवाट वाणिज्यिक और 6122 किलोवाट आवासीय लोड शामिल है। निवासियों का कहना है कि इस पूरे सरकारी अनुमोदित लोड को अब सोसाइटी में मुनाफे के लिए बेचा जा रहा है, जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है।
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