राजनगर एक्सटेंशन में स्नैचर्स-लुटेरों का खौफ, महिलाएं टारगेट...पुलिस पर फूटा लोगों का गुस्सा

सम्मोहित सुप्रिया त्यागी का बैग चेक करते लुटेरे
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। तेजी से विकसित हो रहे राजनगर एक्सटेंशन में सुरक्षा हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। बीते तीन दिनों में दो घटनाओं ने स्थानीय लोगों को हिला दिया। एक में सोसायटी गेट पर अधिवक्ता की मां से सम्मोहित कर ठगी हुई, तो दूसरी में महिला से लूट का प्रयास। इलाके की दो लाख आबादी अब पुलिस व्यवस्था और बंद पड़े कैमरों पर सवाल उठा रही है।

अधिवक्ता की मां से हिप्नोटाइस ठगी

बुधवार शाम लगभग 6:30 बजे सेक्टर स्थित केडीपी ग्रैंड सवाना सोसायटी के गेट नंबर-2 पर दो अज्ञात युवकों ने एडवोकेट सोलोमन त्यागी की मां को बातचीत में उलझाकर हिप्नोटाइस कर दिया। ठग उनके गले की सोने की चेन, कानों के कुंडल और करीब ₹3000 नकद लेकर फरार हो गए। परिवार ने 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी, मगर पुलिस के देर से पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई।

डॉक्टर के पास से लौटते वक्त लूट का प्रयास

14 अक्टूबर की शाम प्रियंका गुप्ता नामक महिला डॉ. अंशुल शुक्ला के क्लिनिक से इलाज कराकर लौट रही थीं। जैसे ही वह आजनारा मार्केट की सीढ़ियों से उतरीं और ऑटो का इंतजार करने लगीं, एक युवक रेड शर्ट पहनकर एक्टिवा पर आया और उनका पर्स छीनने की कोशिश की। जब वह असफल रहा, तो पर्स और मोबाइल दोनों जमीन पर गिर गए। मोबाइल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। जब उन्होंने पास के ट्रैफिक पुलिसकर्मी से सीसीटीवी कैमरों की जानकारी ली, तो पता चला कि एक भी कैमरा चालू नहीं था। पुलिस कर्मियों ने साफ कहा कि “कैमरे बस दिखाने के लिए लगे हैं।”

थाना नहीं, सुरक्षा के दावे कागजों पर

राजनगर एक्सटेंशन में करीब दो लाख से ज्यादा लोग रहते हैं, मगर यहां अब तक कोई समर्पित थाना नहीं है। स्टाफ की कमी और ढीली पुलिसिंग के चलते ठगी, लूट और चोरी की घटनाएं आम हो चुकी हैं। स्थानीय लोग खुले तौर पर नाराज हैं और सोशल मीडिया पर पुलिस प्रशासन को घेर रहे हैं। निवासियों की मांग है कि क्षेत्र में तुरंत थाना बनाया जाए और सभी सीसीटीवी कैमरों को सक्रिय किया जाए, ताकि अपराधियों पर नकेल कसी जा सके।

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