रिवर हाइट्स में अध्यक्ष की हार, सचिव-कोषाध्यक्ष की जीत, डिप्टी रजिस्ट्रार ने पलटा एओए का फैसला

ऋतु चौधरी
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। रिवर हाइट्स फेस-1 अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) के अंदर चल रहे विवाद में बड़ा मोड़ आया है। डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स, गाजियाबाद ने अध्यक्ष द्वारा सचिव ऋतु चौधरी और कोषाध्यक्ष अशोक शर्मा को पद से हटाने की कार्यवाही को पूरी तरह खारिज कर दिया है। आदेश में साफ कहा गया कि यह कार्रवाई कानूनी प्रावधानों के अनुरूप नहीं थी।

विवाद की शुरुआत

यह विवाद 6 जुलाई 2025 से शुरू हुआ, जब AOA अध्यक्ष गौरव वरमानी ने दावा किया कि एक बैठक में आठ सदस्यों के बहुमत से सचिव और कोषाध्यक्ष को हटा दिया गया। अध्यक्ष ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाए—जैसे कर्तव्यों की अनदेखी, प्रस्तावों में बदलाव करना, गुप्त बातें लीक करना, धमकी देना और वित्तीय दस्तावेजों में अड़चन डालना। उन्होंने एक नई प्रबंध समिति बनाने की घोषणा भी की।
एओए अध्यक्ष गौरव विरमानी व अन्य पदाधिकारी 

निष्कासित पदाधिकारियों का विरोध

हटाए गए दोनों पदाधिकारियों ने इस कार्रवाई का सख्त विरोध किया। 16 जुलाई 2025 को उन्होंने डिप्टी रजिस्ट्रार के दफ्तर में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि यह बैठक कभी हुई ही नहीं। उनके अनुसार, किसी भी पदाधिकारी को हटाने का अधिकार अध्यक्ष या कुछ सदस्यों को नहीं है, बल्कि यह प्रक्रिया केवल यूपी अपार्टमेंट एक्ट और मॉडल उपविधियों के अनुसार ही हो सकती है।

सुनवाई और अध्यक्ष की अनुपस्थिति

शिकायत पर जांच शुरू हुई और डिप्टी रजिस्ट्रार ने अध्यक्ष से बैठक के नोटिस, एजेंडा और अन्य दस्तावेज मांगे। लेकिन अध्यक्ष गौरव वरमानी कोई भी साक्ष्य पेश नहीं कर सके। मामले की सुनवाई 7 अगस्त और 18 अगस्त 2025 को तय हुई, परंतु दोनों तारीखों पर अध्यक्ष उपस्थित नहीं हुए। इससे उनके दावों की सच्चाई पर और भी सवाल खड़े हो गए।
डिप्टी रजिस्ट्रार वैभव कुमार

डिप्टी रजिस्ट्रार का आदेश

पूरा रिकॉर्ड देखने के बाद डिप्टी रजिस्ट्रार वैभव कुमार ने आदेश दिया कि किसी भी पदाधिकारी को हटाने के लिए आवश्यक है कि बैठक विधिवत बुलाई जाए और संबंधित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिया जाए। इसके अलावा, बहुमत का मतलब 51% मालिकों की सहमति होती है। अध्यक्ष द्वारा पेश किए गए दावे इस कसौटी पर खरे नहीं उतरे।
आदेश में साफ कहा गया कि 6 जुलाई की बैठक विधिसम्मत नहीं थी, इसलिए उसमें लिया गया निष्कासन का निर्णय अमान्य है। परिणामस्वरूप, ऋतु चौधरी सचिव और अशोक शर्मा कोषाध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे और उनकी वैधता बहाल हो गई है।

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