‘सपनों की सोसायटी’ बन गई सिरदर्द, ऑफिसर्स सिटी-II पार्किंग में फिर भरा बारिश का पानी, बिल्डर बेखबर

बारिश के बाद जलमग्न हुआ बेसमेंट
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन की ऑफिसर्स सिटी-II सोसायटी में बेमौसम बारिश ने बिल्डर की लापरवाही और सरकारी व्यवस्थाओं की सच्चाई सामने ला दी। जल निकासी ठप होने से पूरा बेसमेंट तालाब में बदल गया। निवासी अपनी गाड़ियां खुले में पार्क करने को मजबूर हैं और बिल्डर पर नाराजगी चरम पर है।

बेसमेंट बना तालाब, हर बारिश की कहानी 
तेज बारिश के कुछ घंटों में ही ऑफिसर्स सिटी-II की स्थिति बदतर हो गई। विंग-2 का बेसमेंट पूरी तरह पानी में डूब गया, जहां वाहनों की पार्किंग तक संभव नहीं रही। सोसायटी के निवासी एस.डी. सिंह ने बताया कि “868 फ्लैट वाली इस सोसायटी में हर बारिश में यही हाल होता है। बिल्डर समय से मेंटेनेंस चार्ज तो लेता है, लेकिन सुविधाओं से कोई मतलब नहीं।”
उन्होंने कहा कि बिल्डर की अनदेखी से कुछ ही सालों में सोसायटी की हालत खस्ता हो चुकी है, और हर बारिश में पानी भरने से रहना तक मुश्किल हो जाता है।

सोसायटी में नहीं जल निकासी का प्रबंध

बिल्डर की अनदेखी, सुनवाई नहीं

एओए अध्यक्ष गौरव सोनी ने बताया कि करीब सात साल पहले एम आर प्रोव्यू रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड ने इस सोसायटी का निर्माण किया था। लोगों को सुंदर ब्रोशर और वादों के जरिए सपनों के घर दिखाकर फ्लैट बेचे गए, लेकिन असलियत में बुनियादी सुविधाएं तक अधूरी हैं।
उन्होंने कहा कि “हम पिछले छह साल से हर बारिश में यही दृश्य देख रहे हैं। बिल्डर से कई बार शिकायत की, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं। अब वह बिना मरम्मत के ही सोसायटी को एओए के हवाले करना चाहता है।”
गौरव सोनी ने स्पष्ट किया कि जब तक बिल्डर मेंटेनेंस व्यवस्था दुरुस्त नहीं करता और आईएफएमएस राशि नहीं लौटाता, एओए टेकओवर नहीं करेगी।

पार्किंग में पानी, खुले में खड़ी गाड़ियां

पूरे एक्सटेंशन में यही हालात

फेडरेशन ऑफ राजनगर एक्सटेंशन सोसायटीज (FRENS) के वरिष्ठ सचिव अभिनव त्यागी ने कहा कि यह समस्या सिर्फ ऑफिसर्स सिटी-II की नहीं, बल्कि राजनगर एक्सटेंशन की अधिकांश सोसायटियों की है। बिल्डर्स ने ऊंचे दामों पर फ्लैट तो बेच दिए, लेकिन जल निकासी और रखरखाव जैसी जरूरी व्यवस्थाओं की अनदेखी की।
त्यागी ने कहा कि “बेसमेंट में पानी भरने पर बिल्डर्स केवल मोटर पंप चला देते हैं, जबकि निर्माण के दौरान ही ऐसी निकासी प्रणाली होनी चाहिए थी कि पानी खुद ही निकल जाए।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो फेडरेशन बिल्डर्स और संबंधित एजेंसियों के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा।

विशेष: रोचक और अपने से जुड़ी खबरों के लिए "मौन एक्सप्रेस" को जरूर फॉलो करें।

टिप्पणियाँ