रिवर हाइट्स सोसाइटी में 8 साल के खातों की फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश, पूर्व पदाधिकारियों को 15 दिन का अल्टीमेटम

डिप्टी रजिस्ट्रार वैभव कुमार
विभु मिश्रा 
गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन की रिवर हाइट्स (3 बीएचके टावर नंबर-47) सोसाइटी में पिछले 8 वर्षों के वित्तीय लेन-देन की फॉरेंसिक ऑडिट होगी। डिप्टी रजिस्ट्रार (फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स) ने 18 नवंबर 2025 को 22 पेज का विस्तृत आदेश जारी कर पूर्व पदाधिकारियों को सभी दस्तावेज 15 दिन में जमा करने के निर्देश दिए हैं।

शिकायत के 6 महीने बाद मिली कामयाबी

वर्तमान अध्यक्ष गौरव वरमानी की टीम ने 30 मई 2025 को डिप्टी रजिस्ट्रार को शिकायत दी थी कि पूर्व पदाधिकारी एक भी रिकॉर्ड नहीं दे रहे। 18 नवंबर 2025 को जारी आदेश (पत्रांक 57374-ए) में डिप्टी रजिस्ट्रार ने स्पष्ट लिखा है कि 2017 से 2025 तक के सभी बैंक स्टेटमेंट, बही-खाते, बिल-वाउचर, ठेके और मेंटेनेंस फंड का पूरा हिसाब जमा करना अनिवार्य है।
टीम एओए रिवर हाइट्स

दस्तावेज नहीं दिए तो कोर्ट और जेल की कार्रवाई

आदेश में चेतावनी दी गई है कि तय समय तक दस्तावेज जमा न करने पर यूपी कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट 1860 की धारा-24 के तहत मुकदमा दर्ज होगा। इसमें जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान है। डिप्टी रजिस्ट्रार ने पूर्व पदाधिकारियों को नोटिस भी भिजवा दिया है। अभी केवल आदेश जारी हुआ है, फॉरेंसिक ऑडिट की प्रक्रिया दस्तावेज मिलने के बाद शुरू होगी।

पारदर्शिता की नई शुरुआत

1500 से अधिक परिवारों वाली इस सोसाइटी में सालों से वित्तीय अनियमितता के आरोप लग रहे थे। अध्यक्ष गौरव वरमानी ने निवासियों को पत्र लिखकर कहा कि यह कदम सोसाइटी को पूरी तरह पारदर्शी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। निवासियों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

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