एस.जी. ग्रैंड सोसायटी में एओए की मनमानी वसूली पर लगी रोक, जांच में खुलीं अनियमितताएं

विभु मिश्रा 
गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन की एस.जी. ग्रैंड सोसायटी में जून 2025 के मेंटेनेंस बिल में जोड़े गए ₹278 प्रति यूनिट के अतिरिक्त शुल्क पर डिप्टी रजिस्ट्रार ने रोक लगा दी है। जांच में पाया गया कि यह वसूली “प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति” के नाम पर बिना किसी विधिवत स्वीकृति के की गई थी। आदेश के बाद सोसायटी प्रशासन पर पारदर्शिता बरतने का दबाव बढ़ गया है।

निवासियों की शिकायत पर कार्रवाई

सोसायटी निवासियों ने आरोप लगाया था कि एसोसिएशन ने AGM आयोजित नहीं की और पिछले वर्ष के खर्चों का कोई लेखा-जोखा साझा नहीं किया। उन्होंने कहा कि ₹278 प्रति यूनिट का शुल्क बिना जनरल बॉडी मीटिंग या बोर्ड स्वीकृति के मनमाने ढंग से वसूला गया। शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू की गई।

जांच में मिली गड़बड़ियां

डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा की गई जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं। सोसायटी की बैठकें बिना आवश्यक कोरम के आयोजित की गईं और नुकसान का कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया। संस्था ने बताया कि करीब ₹2.69 लाख की क्षति हुई थी, जिसे 970 यूनिट्स में बांटकर वसूला गया, लेकिन न तो बीमा क्लेम लिया गया और न ही किसी कोटेशन की प्रक्रिया अपनाई गई।

रजिस्ट्रार का निर्णय

जांच रिपोर्ट के आधार पर डिप्टी रजिस्ट्रार ने माना कि यह वसूली अवैध थी और सोसायटी की बोर्ड मीटिंग में लिए गए निर्णय विधिशून्य हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि भविष्य में किसी भी प्रकार का शुल्क उचित बैठक, कोटेशन और स्वीकृति के बिना नहीं लगाया जाएगा। आदेश से निवासियों को बड़ी राहत मिली है।

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