- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
![]() |
| अंजुल द्विवेदी |
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। इंदिरापुरम निवासी युवा अधिवक्ता अंजुल द्विवेदी को भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पैनल अधिवक्ता के रूप में नियुक्त कर दिया है। यह नियुक्ति उनके लंबे विधिक प्रशिक्षण, विविध अनुभव और अद्भुत पारिवारिक विधिक-सामाजिक विरासत का सशक्त विस्तार मानी जा रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और विधि क्षेत्र में कदम रख रहीं महिलाओं के लिए यह उपलब्धि प्रेरक उदाहरण बनी है।
तीन पीढ़ियों की विधिक-सामाजिक धरोहर
द्विवेदी परिवार की पहचान न्यायपालिका, कानून और जनसेवा से दशकों पुरानी जुड़ी है। अंजुल के दादा स्व. विश्वनाथ द्विवेदी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे, जिन्होंने सहकारी आंदोलन में अहम भूमिका निभाई और सिवान–छपरा व पूर्वी यूपी में सामाजिक नेतृत्व की मजबूत परंपरा छोड़ी। परिवार में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीश रहे हैं और वर्तमान में भी कार्यरत हैं। केंद्र और राज्य सरकारों में मंत्री पद तक इस परिवार की भागीदारी ने इसकी सार्वजनिक उपस्थिति को और मजबूत किया।
माता-पिता से मिले संस्कार
अंजुल के पिता स्व. निर्मल कुमार द्विवेदी, इलाहाबाद हाई कोर्ट के सरकारी अधिवक्ता रहे थे। अपनी सैद्धांतिक स्पष्टता और नैतिक पेशागत आचरण के लिए वह जाने जाते थे। उनकी माता श्रीमती पद्मा द्विवेदी ने परिवार की संरचना में वह आधार निर्मित किया, जिसने अंजुल को स्थिरता व जिम्मेदारी दी। दादी स्व. कमला द्विवेदी परिवार की सांस्कृतिक धुरी थीं। इसी वातावरण ने अंजुल में विधि के प्रति संवेदनशीलता और सामाजिक समझ का संयोजन विकसित किया।
वर्तमान पीढ़ी का विधिक-सेवा में सक्रिय योगदान
परिवार की नई पीढ़ी भी विधि और सेवा से जुड़े दायित्व निभा रही है। बड़े भाई मोहित द्विवेदी कॉरपोरेट कानून में पहचान बना चुके हैं, जबकि उनकी पत्नी डॉ. मानसी द्विवेदी नोएडा के प्रतिष्ठित अस्पताल में चिकित्सक हैं। दूसरे भाई साई गिरधर द्विवेदी इलाहाबाद हाई कोर्ट में अधिवक्ता हैं और उनकी पत्नी वंदना द्विवेदी भी विधि क्षेत्र से जुड़ी हैं। यह पूरा परिवेश घर में सबसे छोटी अंजुल की विधिक यात्रा में प्रेरक शक्ति का काम करता है।
शिक्षा और प्रारंभिक विधिक प्रशिक्षण
अंजुल द्विवेदी का जन्म उत्तरांचल के ऊधम सिंह नगर में हुआ तथा उनकी संपूर्ण शिक्षा इलाहाबाद में हुई। उन्होंने उच्च शिक्षा के दौरान एलएलएम नोएडा से किया। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायाधीश बाद में मुख्य न्यायाधीश के लॉ क्लर्क के रूप में की, जहाँ उन्हें न्यायिक प्रक्रिया की सूक्ष्म समझ का प्रत्यक्ष अनुभव मिला।
सुप्रीम कोर्ट तक का सफर और नई जिम्मेदारी
इलाहाबाद हाई कोर्ट में सक्रिय प्रैक्टिस के बाद अंजुल ने दिल्ली की प्रतिष्ठित विधि फर्म में कदम रखा और फिर सुप्रीम कोर्ट में नियमित रूप से अधिवक्ता के रूप में कार्य करना शुरू किया। कई महत्वपूर्ण रिपोर्टेड जजमेंट्स में वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ उनका योगदान उल्लेखनीय माना जाता है। वे बार काउंसिल ऑफ इंडिया की स्टैंडिंग काउंसिल, बार काउंसिल की महिला कार्यस्थल यौन उत्पीड़न निरोध समिति की सदस्य, और गोवा स्थित IIULER में मानद संयुक्त निदेशक (कानूनी) की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार की पैनल अधिवक्ता के रूप में उनकी नियुक्ति उनके विधिक सफर का महत्वपूर्ण पड़ाव बन गई है।
विशेष: रोचक और अपने से जुड़ी खबरों के लिए "मौन एक्सप्रेस" वॉट्सएप चैनल और फेसबुक पेज जरूर फॉलो करें।
Anjul Dwivedi
BCI Standing Counsel
Ghaziabad Lawyer
Indian Legal System
Judicial Career Growth
Supreme Court Panel Counsel
Uttar Pradesh Legal News
Women Lawyers India
स्थान:
India
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें