राजनगर एक्सटेंशन में टूटी सड़कों पर खुली जीडीए की नींद, पैच वर्क से शुरू हुआ मरम्मत अभियान

राजनगर एक्सटेंशन की टूटी सड़कों की होती मरम्मत
विभु मिश्रा 
गाजियाबाद। आखिरकार राजनगर एक्सटेंशन की जर्जर सड़कों की सुध ली गई है। चार साल से खस्ताहाल सड़कों से जूझ रहे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इलाके की गड्ढों भरी सड़कों पर पैच वर्क का काम शुरू कर दिया है। हालांकि स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह काम केवल औपचारिकता भर है, क्योंकि मरम्मत की परत बेहद पतली है और जल्द ही दोबारा उखड़ने की आशंका है।

चार साल बाद शुरू हुआ काम

गुलमोहर गार्डन से देविका स्काइपर तक की सड़क लंबे समय से पूरी तरह टूटी हुई थी। अब जीडीए ने इस मार्ग की मरम्मत शुरू की है। फिलहाल पैच वर्क के ज़रिए गड्ढे भरे जा रहे हैं। एफओएफ (फ्लैट ऑनर्स फेडरेशन) राजनगर एक्सटेंशन के महासचिव गोपाल गुंजन ने बताया कि इस सड़क को ठीक कराने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। फेडरेशन ऑफ राजनगर एक्सटेंशन रेजिडेंट्स सोसायटीज, गुलमोहर गार्डन और देविका स्काइपर सोसायटी के रेजिडेंट्स ने भी बार-बार जीडीए से इस मुद्दे को उठाया था।
रिपेयरिंग के बाद देविका स्काइपर के सामने की सड़क

काम की गुणवत्ता पर संदेह

हालांकि राहत के बीच असंतोष भी झलक रहा है। स्थानीय निवासी सचिन श्रीवास्तव और डॉ. प्रवीण मिश्रा ने कहा कि गड्ढों से छुटकारा मिलना अच्छी बात है, लेकिन काम की क्वालिटी बेहद कमजोर है। सड़क की सतह पर बिछाई गई परत न तो मोटाई में पर्याप्त है, न ही सामग्री का मिश्रण ठीक है। लोगों को डर है कि बरसात या कुछ महीनों के भीतर ही सड़क फिर से टूटने लगेगी।

लंबे संघर्ष के बाद मिली अस्थायी राहत

राजनगर एक्सटेंशन के रेजिडेंट्स और सामाजिक संस्थाएं कई वर्षों से सड़कों की दुर्दशा को लेकर आवाज उठाती रही हैं। अब जाकर जीडीए ने कदम तो उठाया है, लेकिन असली परीक्षा यह होगी कि यह मरम्मत कितने दिनों तक टिकती है। फिलहाल लोगों को राहत जरूर मिली है, पर स्थायी समाधान की उम्मीद अभी बाकी है।

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टिप्पणियाँ

  1. GDA की अनदेखी से Raj Nagar extension Ghaziabad की सड़के गांव की सड़कों से भी खराब हालत मे है

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