इंदिरापुरम की शिप्रा कृष्णा विस्ता में ‘छंटाई’ के नाम पर पेड़ों का कत्लेआम, प्रदूषण के बीच हरियाली पर चली आरी

कार पार्किंग में रखे सोसायटी से काटे गए पेड़
विभु मिश्रा 
गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से लोग त्रस्त हैं, वहीं गाजियाबाद की शिप्रा कृष्णा विस्ता सोसाइटी में हरियाली पर खुद सोसाइटी प्रबंधन (AOA) की आरी चल गई। छंटाई के नाम पर दर्जनों घने पेड़ों को जड़ से काट दिया गया, जिससे निवासियों में जबरदस्त नाराजगी है।

छंटाई नहीं, पेड़ों की बेरहम कटाई

सोसाइटी के डी और ई ब्लॉक में लगे लंबे, घने पेड़ों को “प्रूनिंग” के नाम पर लगभग पूरी तरह काट दिया गया है। कई पेड़ों को तने तक से आरी चला दी गई, जबकि बाकी को सिर्फ दो-तीन फुट का ठूंठ छोड़ दिया गया। लोगों का कहना है कि यह “छंटाई” नहीं बल्कि “कत्ल” है।
छटाई के नाम पर हुई पेड़ों की दुर्दशा

पेड़ बचाने की जगह काटे जा रहे हैं

सोसाइटी के एक निवासी ने कहा, “जब पूरा दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण से जूझ रहा है, तब पेड़ पौधों पर पानी डालने की बजाय हम उन्हें काटने में लगे हैं। यह बेहद निराशाजनक है।”
दूसरे निवासी ने जोड़ा, “हरियाली बनाए रखने के बजाय AOA बार-बार पेड़ों पर आरी चला रही है। यह फैसला बिना निवासियों की राय के लिया गया है।”
वहीं एक महिला निवासी का कहना है, “सोसाइटी में हॉर्टिकल्चर का मतलब बस पेड़ काटना रह गया है, रखरखाव शून्य है।”

AOA की मनमानी पर उठे सवाल

निवासियों का कहना है कि यह कार्रवाई AOA ने बिना किसी आधिकारिक अनुमति और वन विभाग की सलाह के कराई। लोगों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी छंटाई के वक्त हॉर्टिकल्चर टीम की मौजूदगी जरूरी की जाए, ताकि पेड़ों को अनावश्यक नुकसान न पहुंचे।
ट्रिमिंग के नाम पर पेड़ों के साथ की गई क्रूरता

प्रूनिंग के नाम पर भद्दा खिलवाड़

एक अन्य निवासी ने बताया, “ई ब्लॉक के मोड़ पर एक सुंदर हरसिंगार का पेड़ था, जिसकी खुशबू से पूरा परिसर महक उठता था। अब वो पेड़ भी बेरहमी से काट दिया गया है। यह किसी भी तरह प्रूनिंग नहीं है, यह सीधा विनाश है।
भारी मात्रा में कटे पेड़

प्रशासन से कार्रवाई की मांग

निवासियों का कहना है कि जहां सरकारें प्रदूषण घटाने के लिए वृक्षारोपण की अपील कर रही हैं, वहीं सोसाइटी में पेड़ों को ही खत्म किया जा रहा है। लोगों ने इसे “इकोलॉजिकल क्राइम” बताया। रेजिडेंट्स ने इस मामले में प्रशासन से हस्तक्षेप करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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