अर्थला में शराब ठेके पर महिलाओं का धरना, बंद कराया, आरपार की लड़ाई का ऐलान


शराब ठेके के बाहर धरना देतीं महिलाएं
विभु मिश्रा
 
गाजियाबाद। अर्थला में स्कूल-मंदिर के बीच चल रहे शराब ठेके के विरोध में महिलाओं ने रविवार को धरना दिया। 2017 से शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। प्रदर्शन के दबाव में ठेका बंद रहा। महिला मंडल ने चेतावनी दी कि ठेका हटे बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा।

2017 से उठ रही आवाज़, कार्रवाई शून्य

स्थानीय निवासियों के अनुसार इस ठेके को हटाने की मांग पहली बार 2017 में उठी थी। महिलाओं ने कई बार ज्ञापन दिए, अधिकारियों से मिलकर सुरक्षा संबंधी चिंताएँ बताईं, पर हर बार केवल आश्वासन मिला। लोगों का कहना है कि शराब बिक्री से स्कूल आने-जाने वाली बच्चियाँ असहज माहौल से गुजरती हैं। मंदिर के सामने शराब की कतारें लगना धार्मिक आस्था के विपरीत माना जा रहा है, जबकि बैंक पर आने वाली महिलाओं को भी असुरक्षा महसूस होती है।
आबकारी विभाग के अधिकारी का घेराव करते लोग

रविवार को धरना, ठेका बंद कराया

रविवार सुबह महिलाओं ने तय किया कि अब प्रतीक्षा नहीं, सीधी कार्रवाई होगी। ठेके के सामने दरी डालकर बैठ गईं और नारे लगाने शुरू कर दिए “ठेका हटाओ, माहौल बचाओ।” धीरे-धीरे पुरुष और युवा भी समर्थन में जुड़ गए। प्रदर्शन के दबाव में दिनभर ठेका बंद रहा। महिलाओं का कहना है कि संघर्ष अब सिर्फ “विरोध” नहीं, बल्कि “हटाने” की अंतिम लड़ाई है, और जब तक लिखित आदेश नहीं मिलता, धरना नहीं हटेगा।

प्रशासन की मौजूदगी, निर्णय का इंतजार

धरना बढ़ने की सूचना पर पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी पहुंचे। उन्होंने लोगों से बातचीत की और मामले की रिपोर्ट भेजने की बात कही। प्रदर्शनकारी लिखित प्रतिबद्धता की मांग कर रहे हैं। फिलहाल स्थिति यह है कि ठेका बंद है, आंदोलन चालू है और फैसला प्रशासन के पाले में है।

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