गाजियाबाद में ग्रेप-3 की खुलेआम उड़ रही धज्जियाँ, ‘सीवियर’ हवा बच्चों-बुजुर्गों के लिए बन रही जानलेवा

धुंध की चादर से ढका गाजियाबाद 
विभु मिश्रा 
गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार ‘सीवियर’ श्रेणी में बनी हुई है। गाजियाबाद में GRAP-3 के सख्त प्रतिबंधों के बावजूद निर्माण कार्य, धूल उड़ाना, रेस्टोरेंट का धुआँ और कचरा जलाना धड़ल्ले से जारी है। इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा, राजनगर एक्सटेंशन से लेकर ट्रांस-हिंडन तक हर तरफ नियमों की अनदेखी साफ दिख रही है। प्रशासन की चेकिंग न के बराबर होने से प्रदूषण और बेकाबू होता जा रहा है।
रोक के बावजूद बेरोकटोक चलता निर्माण कार्य

सोसाइटियों में बेरोकटोक मरम्मत-निर्माण

इंदिरापुरम की रेल विहार, शिप्रा सन सिटी, अहिंसा खंड, वैभवखंड, वैशाली के सेक्टर-1 से 4, वसुंधरा, सूर्यनगर और राजनगर एक्सटेंशन की दर्जनों सोसाइटियों में प्लास्टरिंग, पेंटिंग, टाइलिंग, कारपेंट्री और वेल्डिंग का काम जोरों पर है। निर्माण सामग्री बिना ढके सड़कों पर पड़ी है, मलबा खुले में फेंका जा रहा है। धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव कहीं नजर नहीं आ रहा है। जबकि कागजों में रोज मुख्य सड़कों पर नगर निगम द्वारा पानी के छिड़काव का दावा किया जा रहा हुई। 
इंदिरापुरम में धड़ल्ले से सड़क पर होता काम और वसुंधरा में सड़क किनारे लगा कूड़े का ढेर

बाजारों-रेस्टोरेंटों में धुएँ का कहर

शिप्रा मॉल, इंदिरापुरम हैबिटेट सेंटर, काला पत्थर, गैलरिया, विंडसर फूड कोर्ट, वैशाली अम्रपाली ग्रीन मार्केट, टीकोना पार्क के अवैध फूड जॉइंट्स में कोयला-लकड़ी जलाने से काला धुआँ आसमान में छा रहा है। कई जगह खुले में लकड़ी कटाई, पॉलिशिंग और पेंटिंग हो रही है। एक दुकानदार ने बताया कि ग्रेप की चेकिंग कभी नहीं हुई, न नोटिस मिला, न कोई अधिकारी आया।
 फूड शॉप्स उगल रहीं लकड़ी-कोयले का धुआं

स्कूलों की लापरवाही, बच्चों की सेहत पर खतरा

वसुंधरा के वनस्थली स्कूल समेत कई स्कूलों के आसपास और परिसर में ही पेंटिंग-मरम्मत चल रही है। एक्यूआई 400-450 पार होने के बावजूद आउटडोर गतिविधियाँ जारी हैं। ज्यादातर स्कूलों में हाइब्रिड क्लास की सुविधा नहीं है। पर्यावरण विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने चेताया है कि यह हवा बच्चों के फेफड़ों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि जब तक एक्यूआई सीवियर रहे, पूरी तरह ऑनलाइन क्लासेज ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प है।
स्मॉग के बीच गुजरते स्कूली बच्चे

प्रशासन की सुस्ती, लोगों में गुस्सा

स्थानीय निवासी बार-बार शिकायत कर रहे हैं कि न जीडीए की टीम आती है, न नगर निगम पानी छिड़कता है और न ही प्रदूषण विभाग रेस्टोरेंट चिमनियों की जाँच करता है। डॉक्टरों ने आगाह किया है कि अगर यही हाल रहा तो गाजियाबाद की हवा जल्द ‘सीवियर-प्लस’ में पहुँच जाएगी और अस्थमा-दिल के मरीजों की संख्या में भयानक इजाफा होगा। लोगों की मांग है कि भारी जुर्माना, सीलिंग और सख्त कार्रवाई तुरंत शुरू की जाए।

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