सीजीएसटी ने पकड़ा 410 करोड़ का फर्जी इनवॉइस नेटवर्क, मास्टरमाइंड अधिवक्ता गिरफ्तार, फर्जी बिलों पर ले लिया 73.70 करोड़ का क्लेम

सीजीएसटी की गिरफ्त में फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड वकील
विभु मिश्रा 
गाजियाबाद। सीजीएसटी गाजियाबाद आयुक्तालय ने कर चोरी के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है। विभाग ने 40 से अधिक फर्जी फर्मों के ज़रिए 410 करोड़ रुपये के कागजी बिल जारी कर 73.70 करोड़ रुपये की अवैध आईटीसी लेने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मुख्य आरोपी विनय सिंह को गिरफ्तार किया।

फर्जी कंपनियों से तैयार किया पूरा नेटवर्क

जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने अलग-अलग नामों से कई फर्में पंजीकृत कराई थीं। इन फर्मों का कोई वास्तविक कारोबार नहीं था। इनका इस्तेमाल केवल फर्जी खरीद-बिक्री दिखाकर इनवॉइस जारी करने और आईटीसी लेने के लिए किया जा रहा था। अधिकारियों के मुताबिक, इन सभी फर्मों पर नियंत्रण अकेले विनय सिंह के पास था।

दस्तावेज़ों का दुरुपयोग 

विभाग ने पाया कि आरोपी ने विभिन्न व्यक्तियों के केवाईसी दस्तावेज़ों का दुरुपयोग कर खुद को इन फर्मों का अधिकृत प्रतिनिधि बना लिया था। वह जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल पोर्टल, टीडीएस पोर्टल और संबंधित ईमेल खातों के लॉगिन अपने मोबाइल पर नियंत्रित कर रहा था। इसी पहुंच के दम पर पूरा फर्जीवाड़ा चल रहा था।
मामले का खुलासा करने वाली टीम

खुफिया इनपुट पर हुई कार्रवाई

एंटी-इवैज़न टीम ने विश्वसनीय सूचना मिलने पर पड़ताल शुरू की, जिसमें सामने आया कि फर्में वास्तविक माल या सेवाओं की आपूर्ति किए बिना ही बिल जारी कर रही थीं। विभाग के अनुसार, सिर्फ कागज़ी लेनदेन दिखाकर 410 करोड़ रुपये के इनवॉइस बनाए गए और उन पर आधारित 73.70 करोड़ का आईटीसी लिया गया।

अदालत में पेश, जांच जारी

मुख्य आरोपी विनय सिंह को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ धारा 132 के तहत दंडनीय अपराधों की कार्रवाई की जा रही है। विभाग ने बताया कि मामले की जांच जारी है और इससे जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है।

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