गुलमोहर में ‘खातों की पहेली’, दूसरे सीए को चार हफ्तों में खोलनी होगी गांठ

विभु मिश्रा 
गाजियाबाद। राकेश मार्ग स्थित गुलमोहर एनक्लेव सोसायटी के वित्तीय मामलों की जांच लगातार टलती रही है। अब डिप्टी रजिस्ट्रार ने मामले की गंभीरता देखते हुए दूसरा सीए नियुक्त कर दिया है, जिसे चार सप्ताह के भीतर पूरी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

लंबे समय से फाइलें अटकी

आरडब्लूए के खिलाफ आर. के. गर्ग और अश्विनी वाधवा की शिकायत के बाद यह कदम उठाया गया। आरोप है कि सोसायटी के चल-अचल संसाधनों और खातों के बारे में न तो समय पर जानकारी दी गई और न ही पिछले एक वर्ष में पहली जांच को पूरा होने दिया गया। यही वजह है कि नया ऑडिटर लगाया गया है और उसे सख्त समयसीमा भी दी गई है।

पहला ऑडिट ‘कागजों’ में फंसा

सूत्रों के अनुसार, पिछले सीए को आरडब्लूए द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध ही नहीं कराए गए, जिसके चलते जांच रिपोर्ट एक साल से रुकी पड़ी थी। अधिकारियों का स्पष्ट संकेत है कि यदि नए सीए को भी सहयोग नहीं मिला तो कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। लगातार देरी इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं व्यवस्थागत ‘गड़बड़ी’ को दबाने की कोशिश की जा रही है।

नया सीए, पुरानी जिम्मेदारी

डिप्टी रजिस्ट्रार ने मोहित कौशिक को नया ऑडिटर नियुक्त किया है। उन्हें वर्ष 2021 से वर्तमान तक की सम्पत्तियों, आय-व्यय और सभी खातों की जांच करनी है। इतना ही नहीं, इसकी पूरी लागत भी आरडब्लूए को ही वहन करनी होगी, ताकि सरकारी तंत्र पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

सहयोग का दावा, सवाल बरकरार

नवनिर्वाचित कार्यकारिणी सदस्य रश्मि चौधरी का कहना है कि आधिकारिक पत्र मिलने पर आरडब्लूए पूरी जांच में सहयोग करेगी। हालांकि निवासियों के बीच यह प्रश्न बना हुआ है कि आखिर जांच में देरी किसकी जिम्मेदारी थी और एक वर्ष किसने बर्बाद किया। समयसीमा तय हो गई है, अब रिपोर्ट की गुणवत्ता और पारदर्शिता ही आगे की तस्वीर साफ करेगी।

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