निगम का मोहन नगर जोनल ऑफिस या ‘गंदगी का दर्शन केंद्र’? हालत देख बोले लोग-“जब यहां का ये हाल तो शहर...."

विभु मिश्रा 
गाजियाबाद। नगर निगम का मोहन नगर जोनल कार्यालय इन दिनों खुद शहर की अव्यवस्थित व्यवस्था का लाइव नमूना बना हुआ है। जिस दफ्तर से सफाई, सीवर, पानी और सड़क व्यवस्था की मॉनिटरिंग होती है, उसी के कैंपस में सीवर ओवरफ्लो होकर बह रहा है,  बाहर नालियां सड़ी पड़ी हैं और मच्छरों की बटालियन खड़ी है। निगम दफ्तर का ये हाल देख स्थानीय लोगों नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि निगम का ध्यान सिर्फ वसूली पर है सुविधाएं देने पर नहीं। 

जोनल ऑफिस में ही बह रहा गंदा पानी

मोहन नगर जोनल ऑफिस अपनी समस्याएं लेकर आने वाले लोगों का कहना है कि जब जोनल दफ्तर का ये हाल है तो बाकी जोन में सफाई के क्या हालात होंगे, अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। उनका कहना है कि हैरत खेल बात है कि जिसके जिम्मे शहर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा है, उसका ये हाल तो बाकी आम आदमी तो इनसे अपनी समस्याओं के समाधान की क्या ही उम्मीद करे। ऑफिस कैंपस में ही गंदा पानी बह रहा है, नालियां महीनों से चोक हैं, बदबू से लोगों का दफ्तर में कुछ देर रुकना भी भारी हो रहा है।  एक बुजुर्ग निवासी का कहना है कि जहां सफाई का आदेश लिखा जाता है, वहीं सफाई नहीं… यह तो पूरे शहर के लिए दुर्भाग्य है।
मोहन नगर जोनल ऑफिस का नजारा

निगम को जनता नहीं, सिर्फ वसूली दिखती है

व्यापारियों और मकान मालिकों ने आरोप लगाया कि हाउस टैक्स, विज्ञापन शुल्क, लाइसेंस और अन्य वसूली में निगम बेहद सक्रिय है, लेकिन सुविधा के नाम पर "शून्य"। टूटे रास्ते, बंद लाइटें व तमाम जन समस्याएं लगभग सभी सौ वार्डों में मुंह खोले दिख जाएंगी। लोगों का आरोप है कि हर बार अधिकारियों की तरफ से सिर्फ इतना कहा जाता है कि प्रस्ताव भेजा है। लेकिन मौके पर सुधार कभी नहीं दिखता। लोगों का कहना है कि टैक्स समय पर देने के बावजूद गंदगी, सीवर, पानी और सड़क हर मुद्दे पर उन्हें ही परेशान होना पड़ रहा है। एक दुकानदार ने तंज कसते हुए कहा कि निगम से सेवा मांगो तो बजट नहीं… वसूली का समय आए तो नोटिस तुरंत।

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