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गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन में ब्रेव हार्ट्स सोसाइटी ने ऐसा कदम उठाया है, जो बाकी सोसाइटियों के लिए उदाहरण बन सकता है। यहां एओए समिति ने पहली बार कृत्रिम वर्षा (Artificial Rain) कर धूल को बैठाने और हवा को साफ बनाने का प्रयोग किया और यह प्रयोग बेहद सफल रहा।
धूल नियंत्रण का नया तरीका
सोसाइटी की ऊँची टावर लाइन से नियंत्रित रूप में पानी छोड़ा गया, जिससे उड़ती हुई धूल तुरंत बैठ गई। सोसायटी के जिन क्षेत्रों में सामान्य तौर पर धूल का गुबार दिखता था, वहां कुछ ही मिनटों में साफ दृश्यता हो गई।
पेड़ों की धुलाई और एक्यूआई में सुधार
कृत्रिम वर्षा का असर केवल ज़मीन पर ही नहीं, पेड़ों-पौधों पर भी साफ दिखा। पत्तों पर जमी परत हटते ही हरियाली निखर उठी। एओए टीम का मानना है कि इस तरह की छोटी पहलें सोसाइटी के एक्यूआई में भी स्पष्ट सुधार ला सकती हैं।
एओए अध्यक्ष का बयान
एओए अध्यक्ष एडवोकेट लविश त्यागी ने कहा कि ऊँचाई से गिरता पानी धूल को तुरंत शांत करता है और हवा अधिक साफ महसूस होती है। हम चाहते हैं कि लोग इसे एक छोटे से प्रयोग की तरह न देखें। यह स्वास्थ्य के लिए बड़ा कदम साबित हो सकता है।
अन्य सोसाइटियों के लिए संदेश
एओए ने सुझाव दिया है कि यदि हर सोसाइटी हफ्ते में 1–2 बार कुछ मिनटों के लिए कृत्रिम वर्षा लागू करे, तो पूरे क्षेत्र की वायु गुणवत्ता में बड़ा सुधार संभव है। यह कम खर्च, कम समय और बड़े असर वाली प्रक्रिया साबित हो सकती है।
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स्थान:
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